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प्राचीन जैन इतिहास |
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पाठ ११ ।
एक मांसभक्षी राजा ।
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( १ ) श्रुतपुर नगरका राजा वक था । उसे मांसभक्षणका दुव्यंसन पड़ गया था । वह गुप्त रूप से मांसभक्षण किया करता था ।
( २ ) एकवार उसके रसोइएने मांस पकाकर रक्खा । इसी समय एक कुत्ता उसे उठा कर लेगया । रसोइएको बड़ी चिंता हुई । वह श्मशानभूमिमें गड़े हुए एक बालकके शरीरको लेभाया और उसका मांस राजाको खिलाया । राजाको वह मांस बहुत स्वादिष्ट लगा और उसने अपने रसोइएसे कहा कि मुझे इसी प्रकारका मांस खिलाया करो |
( ३ ) रसोइया कुछ लोभ देकर अपने यहां नगर के बालकोंको बुलाता और अन्तमें एक बालकको एकांत में मार कर उसका मांस राजाको खिलाता |
(४) कुछ समय बाद नगरके बालक कम होने लगे तब नगरनिवासियोंने बालकों की खोज की। खोज करने पर उन्हें राजाके मांस भक्षणका पता लगा । उन्होंने मिलकर राजाको राज्य से निकाल दिया ।
(५) बक राजा जंगलोंमें रहने लगा और नगर में जाकर मनुष्यों को पकड़ कर खाने लगा | वह बहुत बलवान था इसलिए उसका कोई सामना नहीं कर सकता था । तब नगर निवासियोंने