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८५ ने तीसरा भाम (९) बाल अवस्था में धर्म धारण करेंगे परन्तु युवावस्था में
धर्मकी रुचि नहीं रहेगी। (१०) नीच जातिके पुरुष राज प्राप्त करेंगे। (११) कुदेवोंकी विशेष रूपसे पूजा होगी। '(१२) धनी लोग भनेक कुकर्मोमें रत होंगे। (१३) जैन धर्मका प्रभाव कम होगा।' (१४) दक्षिण प्रांतमें ही जन धर्म का विशेष रूपसे
प्रभाव रहेगा। (१५) ब्राह्मणोंमें जैन धर्म नहीं रहेगा, केवल वैश्यों में
ही जैन धर्म रहेगा।
) जन धर्म भनेक पन्थ और संपदाय होंगे।.. (१४) श्री भद्रबाहुस्वामी जब दुर्भिक्षके कारण दक्षिण भारतको जाने लगे उस समय चन्द्रगुप्त ने भी राज्य छोड़कर उनके पास जन मुनिकी दीक्षा धारण की और मुनि होकर उनकी सेवाके लिए साथ होगए। . (१५) चन्द्रगुप्त जैन मुनि होकर भद्रबाहुस्वामीके साथ दक्षिण भारत पहुंचे और श्रवणबेलगाल नामक स्थानपर ठहर गए। यहांपर एक छोटीसी पहाड़ीपर गुरु शिष्यने तपस्या की और उनका समाधिमरण भी वहीं हुआ। ..?