Book Title: Patanjali Yoga Sutra Part 05
Author(s): Osho
Publisher: Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 13
________________ चित्रित कर सकता है? नक्शा कितना छोटा होता है, वह क्षेत्र कितना विशाल। नक्शे पर नगर एक बिंद होते हैं। ये बिंदु बड़े-बड़े शहरों से कैसे संबंधित हो सकते हैं? नक्शे पर सड़के सिर्फ एक रेखा की भांति होती हैं। सड़के सिर्फ एक रेखा कैसे हो सकती हैं? पहाड़ों का बस एक निशान होता है, नदियों का बस एक रेखांकन होता है। और छोटी-मोटी नदियों को तो छोड़ दिया जाता है। केवल बड़ी नदिया अंकित की गई होती हैं। यह एक मानचित्र है; यह कोई सिद्धांत नहीं है। केवल पांच शरीर नहीं हैं, बहुत से शरीर हैं, क्योंकि दो शरीरों के -बीच में उनको जोड़ने के लिए एक और चाहिए, और इसी भांति और, और। तुम एक प्याज की तरह हो पर्त दर पर्त, लेकिन ये पांच पर्याप्त है। हूं.... .ये खास देहे हैं, मुख्य शरीर। अत: इसके बारे में ज्यादा चिंता न करो। हूं.., क्योंकि बौद्ध कहते है कि सात शरीर हैं और जैन कहते है कि नौ शरीर हैं। कुछ भी गलत नहीं है और कुछ विरोधाभास भी नहीं है, क्योंकि यह सिर्फ नक्शे, की बात है। यदि तुम विश्व का मानचित्र देख रहे हो तो बड़े शहर और बड़ी नदियां भी उसमें नहीं दिखेंगी। यदि तुम एक देश का नक्शा देख रहे हो, तो ऐसी कई चीजें दिखेंगी जो विश्व के नक्शे में नहीं थीं। और अगर तुम एक प्रांत का नक्शा देखो, तो कई और चीजें प्रकट हो जाएंगी। और यदि एक जिले का नक्शा देख रहे हो निःसंदेह और अधिक। और एक ही शहर का तब और बहत चीजें...। और यदि बस एक मकान का तब और और.....। चीजें प्रकट होती जाती है, यह इस पर निर्भर होता है। जैन कहते हैं, नौ; बुद्ध कहते हैं, सात; पतंजलि कहते हैं, पांच। ऐसी विचारधाराएं हैं जो बस तीन की बात करती हैं। और वे सभी सही हैं, क्योंकि वे किसी तर्क पर परिचर्चा नहीं कर रहे हैं, वे तुम्हें कार्य करने के लिए कुछ उपकरण मात्र दे रहे हैं। और मेरे देखे पांच लगभग सही संख्या है। क्योंकि पांच से अधिक, बहुत हो जाता है और पांच से कम बहुत थोड़ा। पांच करीब-करीब सही जान पड़ते हैं। पतंजलि बहुत संतुलित विचारक हैं। अब इन चक्रों के बारे में कुछ बातें। पहला चक्र, पहला गतिशील चक्र है काम का-मूलाधार। यह तुम्हें प्रकृति के साथ जोड़ता है, यह अतीत के साथ जोड़ता है, और यही भविष्य के साथ जोड़ता है:तुम्हारा जन्म दो व्यक्तियों की काम-क्रीड़ा से हुआ था। तुम्हारे माता-पिता की काम-क्रीड़ा तुम्हारे जन्म का कारण बन गई। तुम अपने माता-पिता से और उनके माता-पिता से और उनके मातापिता से और इसी भांति और पीछे तक काम-केंद्र द्वारा जुड़े हो। सारे अतीत से तुम काम-केंद्र द्वारा ही संबंधित हो, और यह धागा काम-केंद्र द्वारा जुड़ता चला गया है। और यदि तुम किसी बच्चे को जन्म दो तो तुम भविष्य से जुड़ जाओगे। जीसस ने कई बार और बड़े कठोर ढंग से जोर देकर कहा है, 'यदि तुम अपनी माता से और अपने पिता से घृणा नहीं करते, तुम मेरे पास आकर मेरा अनुगमन नहीं कर सकते। यह बात करीब-करीब कठोर, लगभग अविश्वसनीय जान पड़ती है कि जीसस जैसे व्यक्ति, भला वे इतने कठोर शब्द क्यों

Loading...

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 ... 471