Book Title: Padarohan Sambandhi Vidhiyo Ki Maulikta Adhunik Pariprekshya Me
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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उपाध्याय पदस्थापना विधि का वैज्ञानिक स्वरूप...125 विविध सन्दर्भो में उपाध्याय पद की उपयोगिता
सामान्य रूप में उपाध्याय शब्द शिक्षक आदि के लिए प्रयुक्त होता है। जैन धर्म में आचार्य के बाद उपाध्याय पद को महत्त्वपूर्ण स्थान दिया गया है। यदि उपाध्याय पद की मनोवैज्ञानिक समीक्षा करें तो उपाध्याय सद्ज्ञान के द्वारा सत् दिशा में गमन करने वाले एवं करवाने वाले हैं। यह वाचना दान द्वारा अविवेक एवं अज्ञान का हरण करके मन में अहंकार या पूजा-सत्कार के भाव उत्पन्न नहीं होने देते, जिससे मन में अपेक्षा वृत्ति जागृत नहीं होती। सूत्रार्थ के ज्ञाता होने से धर्म के प्रति उत्पन्न होने वाली शंकाओं का समाधान करते हैं जिससे मानसिक शान्ति की प्राप्ति होती है और आप्तवाणी के प्रति श्रद्धा एवं समर्पण दृढ़ बनता है। ___ व्यक्तिगत दृष्टिकोण से उपाध्याय पद की समीक्षा करें तो ज्ञानदान के लिए सदा तत्पर रहने से ज्ञानावरणीय कर्मों का क्षय करते हैं तथा स्व एवं पर के ज्ञान में वृद्धि करते हैं। अनेकान्त, स्यावाद आदि के ज्ञाता होने से आग्रहवाद का शिकार नहीं होते। इसी प्रकार आर्जव, मार्दव, सरलता, निखालिसता, लघुता
आदि गुणों से युक्त होने के कारण साधना अखण्ड रहती है तथा समस्त व्याघातों एवं बाधाओं का निवारण सरलता से होता है। व्यक्तित्व विकास में ये गुण अत्यन्त सहायक बनते हैं। अध्ययन-अध्यापन से ज्ञान स्थायी एवं परिपक्व बनता है। उपाध्याय जैसे श्रुतस्थविर से ज्ञान लेने पर प्रत्येक व्यक्ति को सही दिग्दर्शन मिलता है।
यदि समाज को केन्द्र में रखकर उपाध्याय पद की उपयोगिता के विषय में चिन्तन करें तो उपाध्याय अगाध श्रुतधनी होने से सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों को मिटाने में सक्षम होते हैं। वे बावना चन्दन के समान कषायों से तप्त जीवों को जिनवाणी के माध्यम से शान्त, उपशान्त करते हैं। अपने ज्ञान प्रकाश द्वारा समाज को उज्ज्वल एवं आलोक युक्त करते हैं। समस्त जीवों के प्रति मैत्री, करुणा एवं समभाव रखते हुए निष्पक्ष भाव से धर्म मार्ग की प्ररूपणा करते हैं। द्वादशांगी के ज्ञाता बनकर आत्म हितकारी श्रुत संवर्धन का कार्य करते हैं तथा मार्ग भ्रमित जीवों को सद्मार्ग पर लाकर धर्म में स्थिर करते हैं।
प्रबन्धन या Management के क्षेत्र में यदि उपाध्याय पद की भूमिका पर विचार किया जाए तो निम्न उपयोगिता परिलक्षित होती है -