Book Title: Padarohan Sambandhi Vidhiyo Ki Maulikta Adhunik Pariprekshya Me
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 332
________________ सज्जन मानस की अमृत बूंदें * वर्तमान प्रचलित पद व्यवस्था आगमोक्त है या नहीं? * नूतन गच्छाचार्य को शिक्षादान क्यों? * आचार्य, उपाध्याय आदि को Suspend कब करते हैं ? * महत्तरा पद से सीखे Group Management के गुर? * पदग्राहियों पर वास निक्षेप क्यों? * सूरिमंत्र का श्रवण दाहिने कर्ण में ही क्यों? * सूरिमंत्र एवं चंदन घनसार से ही अक्षतों का अभिमन्त्रण क्यों ? * अयोग्य को पद पर स्थापित करने के दुष्परिणाम? * आधुनिक संस्कृति में पद स्थापना का औचित्य? * कैसे की जाए पद योग्य मुनि की पहचान? * पद व्यवस्था में आए क्रमिक परिवर्तनों का शास्त्रीय अनुशीलन? म नमः SAJJANMANI GRANTHMALA Website : www.jainsajjanmani.com,E-mail : vidhiprabha@gmail.com ISBN 978-81-910801-6-2 (VII)

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