Book Title: Padarohan Sambandhi Vidhiyo Ki Maulikta Adhunik Pariprekshya Me
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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220...पदारोहण सम्बन्धी विधि रहस्यों की मौलिकता आधुनिक परिप्रेक्ष्य में 75. वयणसंपया चउब्विहा पण्णत्ता, तं जहा
(i) आदेयवयणे यावि भवइ (ii) महुरवयणे यावि भवइ, (ii) अणिस्सियवयणे यावि भवइ (iv) असंदिद्धवयणे यावि भवइ।
वही, 4/पृ.20 76. वायणासंपया चउव्विहा पण्णत्ता, तं जहा
(i) विजयं उद्दिसइ (ii) विजयं वाएइ (iii) परिनिव्वावियं वाएइ (iv) अत्थनिज्जावए यावि भवइ।
वही, 4/पृ.20 77. मइसंपया चउब्विहा पण्णत्ता, तं जहा
(i) उग्गहमइसंपया (ii) ईहामइसंपया (iii) अवायमइसंपया (iv) धारणामइसंपया।
वही, 4/पृ. 21. 78. वही, 4/पृ. 21 79. वही, 4/पृ.21. 80. पओगमइसंपया चउब्विहा पण्णत्ता, तं जहा
(i) आयंविदाय वायं पउंज्जित्ता भवइ (ii) परिसं विदाय वायं पउंज्जिता भवइ (iii) खेत्तं विदाय वायं पउंज्जिता भवइ (iv) वत्थु विदाय वायं पउंज्जित्ता भवइ।
__वही, 4/पृ. 21 81. संगहपरिण्णा णामं संपया चउव्विहा पण्णत्ता, तं जहा
(i) बहुजण पाउग्गयाए वासावासेसु खेत्तं पडिलेहिता भवइ (ii) बहुजणपाउग्गयाए पाडिहारिय-पीढ-फलग-सेज्जा-संथारयं उगिण्हित्ता
भवइ (iii) कालेणकालं समाणइत्ता भवइ (iv) अहागुरु संपूएत्ता भवइ।
वही, 4/पृ. 21
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