Book Title: Nabhak Raj Charitram Gujarati
Author(s): Merutungasuri, Sarvodaysagar
Publisher: Charitraratna Foundation Charitable Trust

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Page 251
________________ श्रीमकतनशिविरचित शीनामाकराजाकारित स्नात्रपूजाध्वजारोपा मारिस्नाना-शनादिकम्॥ सर्व सङ्घपतेर्धर्मकर्माऽष्टाहमपि व्यधात्॥२२१॥ अन्वयः-स नृपं: अष्टाहमपि स्नात्रपूजाध्वजारोपाउमारिस्नानाशनादिकं सर्व सङ्घपते: धर्मकर्म व्यधात् // 22 // विवरणम्:- सः नृपः अष्टानामहां समाहार: अष्टाहम् अपि अष्टौ दिनानि स्नात्रपूजा च ध्वजस्यारोप: ध्वजारोपश्चाउमारिपटहश्च स्नानं च अशनं (स्वामिवात्सल्यं)चआदीयस्य तत् स्नात्रपूजाध्वजारोपाऽमारिस्नानाऽशनादिकंसर्व सङ्घस्य पति: सयपति: सस्य सयपते: सङ्घाधिपस्य धर्मस्य कर्म धर्म कर्म व्यधात् अकरोता अष्टालिकामहोत्सवं कृत्वा अष्टौ दिनानि यावत् स: स्नात्रपूजादिकं सर्व सङ्घपते: धर्मकर्म व्यवघात् // 22 // सरलार्थ:-स: नृपः अष्टाह्निकामहोत्सवं कृत्वा अष्टौ दिनानि स्नात्रपूजा - प्वजारोप: अमारिपटहः स्नानं स्वामिवात्सल्यं च इत्येवमादिकं सर्व संघपते: धर्मकर्म, व्यपात्॥२२१|| ગુજરાતી:- તેનાભાક રાજાએ અઠ્ઠાઇ મહોત્સવ કરી, આઠે દિવસે સ્નાત્રપૂજા, ધ્વજારોપણ, અમારિપડહ, સ્નાન, સ્વામિવાત્સલ્ય विगेरे संघपतिनांपर्यो . // 221 // हिन्दी :- उस नाभाक राजाने अठ्ठाई महोत्सव कर के, आठों ही दिन स्नात्रपूजा, ध्वजारोपण, अमारिपडह, स्नान, स्वामीवात्सल्य इत्यादि संघपतिके सभी धार्मिक कार्य किये // 22 // मराठी:- त्या नाभाक राजाने अठ्ठाइ महोत्सवाची योजना करून आठ ही दिवस स्नाप्रपूजा, प्वजारोपण, अमारिपडह, स्नान, स्वामीवात्सल्य इत्यादि संपपतीचे योग्य पार्मिक कार्य केले.॥२२१।। English:- King Nabhak had a grand eight day ceremony, in which he performed the Snatra puja, hoisted the sacred flag, strongly praticed non-violence, bathed and cleansed himself, fed the multitude and performed all the duties as required by a chief of an association (sangh) * 207HEARTHARIHARA Jun Gun Aaradhak Trust P.P.AC.Gunratnasuri M.S.

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