Book Title: Nabhak Raj Charitram Gujarati
Author(s): Merutungasuri, Sarvodaysagar
Publisher: Charitraratna Foundation Charitable Trust
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________________ श्रीमेकतममूरिविरचित श्रीनामाकराणायापितम्।। SA दिने त्रिंशत्तमे ब्राह्म-महतं तेन दीक्षिताः। थतरत्र: पाविकामात्रा, मार्यि: कर्बुरा: पुरा // 22 // अन्वयः तेन त्रिंशत्तमे दिने ब्राह्ममुहूर्ते पादिकामात्रा: चतस्रः कर्बुरा: मार्जार्य: वीक्षिताः // 225 // विवरणम:-तेन नाभाकेन त्रिंशत्तमे दिने ब्रह्मणः इदं ब्राह्ममा ब्राह्मच तत् मुहूतं च ब्राह्ममुहूर्त तस्मिन् ब्राह्ममुहूर्ते पुरा पाविका प्रमाणे यासांता: पादिकामात्रा: पादप्रमाणा: चतस्त्र: चतु:संख्याका: कर्बुरा: कर्बुरखा: मार्जार्य: वीक्षिताः अवलोकिताः॥२२॥ सरलार्थ:- तेन नाभाकेन राजा त्रिंशत्तमे दिने ब्राह्ममुहूर्ते पुरा पादमात्रा: करवर्णा: मार्जार्यः घटाः // 225 // ગુજરાતી :- તે રાજાએ ત્રીસમે દિવસે બ્રહ્મ મુહૂર્તમાં પોતાની આગળ પગલાં માત્ર પ્રમાણવાળી ચાર કાશવર્ણની બિલાડી . // 22 // हिन्दी :- उस राजाने तीसवें दिन ब्रह्ममुहूर्त में अपने सामने एक पाद मात्र आकार की भूरे रंग की (काबरे रंग की) चार बिल्लियाँ अपने सामने देखी // 225 // मराठी :- त्या राजाने तिसाव्या दिवशी पहाटे आपल्या समोर एक एक पाऊल आकाराच्या कप्पीया रंगाच्या चार मांजरी पाहिल्या:॥२२॥ English :- On the thirtieth day, at daybreak, the King happened to see four cats, the size of a foot with variegated colours. ब्रह्मादिहत्या: पतास्ता:क्षीयन्ते तपसो बलात्॥ अनुमीयेति स प्राग्वद् विदधेऽथाष्टमाष्टकम् // 226 // "अन्वय:- एता: ता: ब्रह्मादिहत्या: तपस: बलात्क्षीयन्ते। इति अनुमीय अथ स प्राग्वत् अष्टमाष्टकं विवधे॥२२६॥ LAYER 210