Book Title: Nabhak Raj Charitram Gujarati
Author(s): Merutungasuri, Sarvodaysagar
Publisher: Charitraratna Foundation Charitable Trust

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Page 283
________________ श्रीमेकतुसूरिविरचित श्रीनामाकराजाचरितम् तव प्रशंसा सद्धर्मनी सौधर्मस्वामिनिर्मिताम् // असासहिरहं सर्व मकार्षमिवमीपृशम् // 256 // अन्धयः- हे सधर्मन। सौधर्मस्वामिनिर्माता सब प्रशंसा असासहिः अहम् एवम् दर्श सर्वम् अकार्षम् // 256 // विवरण- सन् धर्मः यस्य सा सचमा तत्सम्बधी समन। सौधर्मस्थ स्वामी सौधर्मस्वामी। सौधर्मस्वामिना निर्मिता सौधर्मस्वमिनिर्मिता, तो सौधर्मस्वामिनिर्मिती सौधर्मेन्द्रकृतो तव प्रशंसा स्तुति न सासहात्तेऽसौ असासहि असहमाना अहम् श्चम पृशं सर्वम् अकार्षम् अकरयम् // 256 // सवला: है सबर्मन। सौधर्म देवलोके सौधर्मस्वामिना कृता तव प्रशंसाम् असहमानः अहम् इदम् ईश सर्वम् अकार्षम् // 25 // થwાતી - “હે ધાર્મિંધિરોષણિકવલોકમાં લીધÈકલી તમારી પ્રાંસા સહન ન થવાથી પરીક્ષા માટે મેં આ સર્વ કાર્ય કર્યું 7." // 356 // हिन्दी - धर्म शिरोमणि वैवलोक में सीधर्मन्त्र द्वारा की गई प्रशंसासनम होने के कारण मैंने तुम्हारी परीक्षा करने के लिये यह सब कार्य किया||२५६॥" मराठी:- " धर्मशिरोमणे। देवलोकामध्ये सीपमन्द्राने केलेली तुझी प्रशंसा सहन न झाल्यामुळे तुझी परीक्षा घेण्यासाठी मी असे है सर्व कार्य केले आहे."||३५६|| English - The God addressing him as a religious and a prominent personality, sald to him that he could'nt bear his pralges being blurted out in Indra's court. So in order to test his controllability, as a celibatarlan he had created such a scene. P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun, Aaradhak Trust

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