Book Title: Mithi Mithi Lage Che Mahavir ni Deshna Part 4
Author(s): Trilokmuni
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 13
________________ १३ મીઠી મીઠી લાગે છે મહાવીરની દેશના : જૈનાગમ નવનીત शासन गौरव श्रमणसंघ सलाहकार कविरत्न श्रीचन्दनमुनिजी म. सा. (पंजाबी) का अभिमत पुस्तक क्या है ? ज्ञान - खजाना ! आगम - विज्ञों ने यह माना ! जैनागम नवनीत प्रश्नोत्तर, पुस्तक प्यारी-प्यारी है । एक तरह से अगर कहें हम, केसर की ही क्यारी है प्रश्नोत्तर शैली का प्यारा, सुगम मार्ग अपनाया है । आगम के गंभीर विषय को बड़ा सरस समझाया है। " " चिंतन और पठन-पाठन से पूरा जिनका है संबंध । विषय अनेकों आये इसमें, देने वाले परमान्द Jain Education International 113 11 ॥२॥ ॥५॥ आगम का अभ्यासी इसको, अगर पढेगा ध्यान लगा । सहज-सहज ही बहुत - बहुत कुछ, हाथ सकेगा उसके आ ॥ ४ ॥ भला जगत का करने को जिन, सुलझी कलम चलाई है । लेखक विज्ञ 'तिलोक मुनीश्वर, जी' को लाख बधाई है जैनागम - मर्मज्ञ आपकी, महिमा का न कोई अंत | कलम कलाधर आज आप - से, विरले ही हैं दिखते संत ॥ ६ ॥ जहाँ शिष्य को गुरूवर ज्ञानी, गहरा - गहरा देते ज्ञान । तेज तिरंगे पृष्ट आवरण, की भी अद्भुत ही है शान विषय जटिल है फिर भी हर इक बात बहुत समझाई है "चन्दन मुनि " पंजाबी को यह, पुस्तक भारी भाई है For Private & Personal Use Only 113 11 11611 जैनागम नवनीत प्रश्नोत्तर (विविध विषय) पुष्प १ और २ पढ़कर स्वतः यह 'अभिमताष्टक' भेजने के लिये पूज्य कविरत्न मुनिश्री को आभार प्रेषित करते हैं । 11211 www.jainelibrary.org

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