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प० सत्यनारायण कविरत्न
इस प्रकार सत्यनारायण जो के विद्यार्थी जीवन पर दृष्टि डालते हुए हमे उनके face प्रेम और कवित्व शक्ति का उत्तरोत्तर विकास होता हुआ दिखायी देता है । सच तो यह है कि उनका जीवन ही कवितामय था । अपनी कविता कला द्वारा उन्होने समाज ओर साहित्य की क्या-क्या सेवाये की, इसका वर्णन अगले अध्याय में किया जायगा ।
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