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विवाह
१०३ बारात लाना उचित रहेगा । न्यून से न्यून कितने सज्जनो को लाओगे ? हाँ, सब सज्जन योग्य पुरुषो को आप स्वयं विचार कर के ला सकते है। मित्रवर पं० पद्मसिहजी की भी यही सम्मति है।
मै आपके ग्राम में भी गया था। अब तक आप एकाकी थे । गृहस्थी होने की दशा मे मकानादि सुरक्षित और आराम का होना चाहिए। आपको निज मकान का भी प्रबन्ध करना पडेगा । आप स्वयम् विचारशील है, मै अधिक क्या लिखू ?
बारात मे आनेवाली तादाद को पूर्व लिखने से आतिथ्यादि का प्रबन्ध समुचित किया जा सकेगा। इसलिये पूर्व सूचना देखें।
हमारे द्वारा यहा क्या प्रबन्ध (बाजे आदि का) कराना उचित समझते है, यह भी लिख भेजे ।
विवाह संस्कार कराने की प० घनश्यामजी के भ्राता पं० भीमसेनजी आगरा के तथा पर्वतीय विद्वान् पं० यज्ञेश्वरजी यहा ही है। हम बुला लेवेगे। वापसी डाक उत्तर देवे।
भवदीय-- मुकुन्दराम शर्मा गौड़, पाराशर ।
__ अधिष्ठाता
कन्या संस्कृत विद्यालया। P.O. jwalapur, Dt Saharanpur,
OR. R.
इस पत्र के उत्तर मे सत्यनारायणजी ने एक कार्ड भेजा था । तत्पश्चात् एक चिट्टी और भी भेजी । उस चिट्ठी मे आपने लिखा था :--
"आपके दीघकाय कृपा-पत्र के उत्तर में एक कार्ड डाला जा चुका है । जिस प्रेमपूर्ण ओजस्विनो भाषा मे आपने वह पत्र लिखा था उसे पढकर