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अन्तिम दिवस और मृत्यु
ब्राह्मण-स्कूल में शिक्षा का काम जिस समय विवाह के लिये पत्र-व्यवहार हो रहा था उस समय सत्यनारायणजी ने श्रीयुत मुकुन्दरामजी को एक पत्र मे विवाह के प्रस्ताव का विरोध करते हुए लिखा था--"स्वतंत्र जीवन ही मेरा जीवन है। नौकरीचाकरी कभी को नही ।" विवाह के बाद सत्यनारायणजी को नौकरी-करनी पड़ी; क्योकि मन्दिर से जो जमीन लगी हुई थी उससे कुल ३००) रु. साल की आमदनी होती थी। जब अपनी मृत्यु के पहले मुकुन्दरामजी फीरोजाबाद आये थे तो उन्होने मुझसे कहा- "मेरी पुत्री ने पडितजी से कहा था कि जो चीज ठाकुरजी की है उसे मै नही खाने की । इसलिये उन्हे नौकरी करनी पड़ी।" ___ता० ८ जुलाई सन् १९२६ को सत्यनारायणजी ने निम्नलिखित प्रार्थना पत्र ब्राह्मण स्कूल के सेक्रटरी के पास भेजा था
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The Secretary, Brahman School
AGRA.
Hearing that services of an under graduate are required in your School. 1 offer myself for the same.
As for my qualifications I need not say much. my work will show itself,