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कविरत्न जी की हस्त-लिपि सधिरह आवत तक बड़ी रंगलिस नयमनाममालवशैलगंगरलिया STATE विचारत वियत रोमी ततगरी रोड मनं
मला [स्वर्गीय सत्यनारायण जी ने यह कविता भी आचार्य श्री पद्मसिंह जी के पास, ज्वालापुर से लौटने के बाद, भेजी थी--बनारसीदास चतुर्वेदी ]