Book Title: Karmaprakruti Author(s): Abhaynanda Acharya, Gokulchandra Jain Publisher: Bharatiya Gyanpith View full book textPage 8
________________ विषय-सूची -...-.msmar पंचेन्द्रिय-जातिका लक्षण शरीर-नाम कर्मके पांच भेद औदारिक शरीर-नाम कर्मका लक्षण बैंक्रियक शरीर-नाम कर्मका लक्षण आहारक शरीर-नाम कमका लक्षण संजस शरीर-नाम क्रमवा लक्षण कार्मण शरीर-नाम कर्मका लक्षण बन्धन-नाम कर्गके पांच भेद औदारिक शरीर-बन्धका लाण वैक्रियक, आहारक, तैजस तथा कण शरीर-बन्धका लक्षणा संघात-नाम क्रम के पांच भेद औदारिक शरोर-संपात का लक्षण बैंक्रिया, आहारक, तैजस तथा कार्मण शरीर संघात का लक्षण संस्थान-नाम कर्मके छह भेद समयत्तुरख-संस्थानका लक्षण म्यग्नोच-संस्थानका लक्षण स्वाति-संस्थानका लक्षण कुजक-संस्थान का लक्षण वामन-संस्थानका लक्षण हुँष्ठक-संस्थान का लक्षण अंगोपांग-नाम कर्मके तीन भेद औदारिक शरीर-अंगोपांगका लक्षण वक्रियक तथा आहारक शरीर-अंगोपांगका लक्षण संहनन-नाम कर्मके छह भेद अजयुषभनाराच संहननका लक्षण वयनाराच संहननका लक्षण नाराव संहननका लक्षण अर्धनाराच संहननका लक्षण H AALH... H ." .Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 88