Book Title: Karmaprakruti
Author(s): Abhaynanda Acharya, Gokulchandra Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 7
________________ कर्मप्रकृति. संज्वलन कापायोंकी शक्ति हास्यका लक्षण रसिका लक्षण अरतिका लक्षण शोमाण भयका लाण जुगासाका लक्षण स्त्री-वंदका लक्षण पंवेदका लक्षण नपुगक बंदका लक्षण आयुके चार भेद तरकागका लक्षण तिर्यगायुका लक्षण मनुष्यानुका लक्षण देवाका लक्षण नामकर्मकी व्यालीस प्रकृतियाँ नामकर्मकी तेरानन्त्रे पिण्ड प्रकुतियाँ गति-नाम कर्म के चार भेद नरकगतिका लक्षण तिर्यग्गतिका लक्षण मनुष्यगतिका लक्षण देवगतिका लक्षण गतिन्नामकर्म का सामान्य लक्षण जाति-नामक्रमके पांच भेद एकेन्द्रिय-जातिका लक्षण दीन्द्रिय-जातिका लक्षण बीन्द्रिय-जातिका लक्षण चतुरिन्द्रिय-जातिका लक्षण

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