Book Title: Karmaprakruti Author(s): Abhaynanda Acharya, Gokulchandra Jain Publisher: Bharatiya Gyanpith View full book textPage 61
________________ ४८ कर्म प्रकृतिः [ १८७ [ १८७ द्रव्यकर्मणामुपहा ] एवं प्रकृतिस्थित्यनुभागप्रदेशविकल्पानि पौद्गलिकानि द्रव्यकर्माणि कथितानि । १८७. द्रव्यकमों के कथनका उपसंहार इस प्रकार प्रकृति, स्थिति, अनुभाग तथा प्रदेशके भेदसे पीद्गलिक द्रव्य कर्म कहे ।Page Navigation
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