Book Title: Karmaprakruti
Author(s): Abhaynanda Acharya, Gokulchandra Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 11
________________ ; 2 कामान्तरायका लक्षण भोगान्तरायका लक्षण उपभोगान्त रायका लक्षण वीर्यान्तरायका लक्षण उत्तर प्रकृतियोंका उपसंहार स्थितिबन्ध स्थितिका लक्षण ज्ञानावरणीय दर्शनावरणीय, वेदनीय तथा अन्तरायकी उत्कृष्ट कर्मप्रकृति अनुभागबन्ध अनुभागका लक्षण घाति कमका अनुभाग अघाति कमकी दर्शनमोहनीयको उत्कृष्ट स्थिति चारित्रमोहन की उत्कृषु स्थिति नाम और गोत्रको उत्कृष्ट स्थिति आयु कर्मको उत्कृष्ट स्थिति वेदनीयको जघन्य स्थिति नाम और गांवको जघन्य स्थिति ज्ञानावरणीय दर्शनावरणरेय मोहतोय, आयु और अन्तराय को जवन्य स्थिति 'अशूभ तथा शुभ प्रकुलियोंका प्रदेश अन्ध प्रदेश बन्धका लक्षण अनुभाग १६० १६१ १६२ ** १६४ १६७ स्थिति १६९ १७० १७१ ૭૨ १७३ १७४ १७५ १७६ १८० १८१ १८२ १८५

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