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कर्मप्रकृतिः [ १२८, बादरनामकर्मणः लक्षणम् ]
बाबरनाम परैर्वाध्यमानं स्थूलशरीरं करोति । [१२१. सूक्ष्मनामकमण; लक्षणम् |
सूक्ष्मनाम परैरबाध्यमानं सूक्ष्मारोरं करोति । । [१३०. पर्याप्सनामक्रमशः लक्षणम् |
पर्यातनाम स्वस्वपर्याप्तीनां पूर्णतां करोति । [१३१. अपर्याप्तनामकर्मणः लक्षणम् ।
अपर्यामनाम स्वस्वपर्याप्तीनामपूर्णतां करोति । [ १३२. पर्याप्तीनां पड् भेदाः ]
पप्रियश्चाहारशरीरेन्द्रियोच्छ्वासनिःश्वासभाषामनःसंबन्धेन घोडा भवन्ति ।
१२८, बादर नाम कर्मका लक्षण
बादर नाम कर्म दूसरोंके द्वारा बाधा दिये जाने योग्य स्थूल शरीरको
करता है। १२९. सूक्ष्म नाम कर्मका लक्षण
सूक्ष्म नाम कर्म दूसरोंके द्वारा बाधा न दिये जाने योग्य सूक्ष्म शरीर
करता है। १३०, पर्याप्त नाम कर्मका लक्षण
पर्याप्त नाम कर्म स्व-स्व पर्याप्तियोंकी पूर्णता को करता है। १३१. अपर्याप्त नाम कर्मका लक्षण
अपर्याप्त नाम कर्म अपनी-अपनी पर्याप्तियों की अपूर्णता करता है।