Book Title: Jinsenacharya krut Harivansh Puran aur Sursagar me Shreekrishna
Author(s): Udayram Vaishnav
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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________________ का स्थान [360]; भारतीय संस्कृति को हरिवंशपुराण का योगदान [362]; सूरसागर का परवर्ती साहित्य पर प्रभाव-(क) अष्टछाप के कवियों पर सूर का प्रभाव [365]; (ख) रीतिकालीन काव्य [368]; (ग) आधुनिककालीन काव्य [369]; कृष्ण भक्ति काव्य परम्परा में सूरसागर का स्थान [371]; सूरसागर की प्रासंगिकता [373]; निष्कर्ष [375]; उपसंहार [376] / सन्दर्भ-ग्रन्थ-सूची हिन्दी ग्रन्थ [385]; संस्कृत ग्रन्थ [386]; गुजराती व अंग्रेजी ग्रन्थ [388]; पत्रपत्रिकाएँ [388] / 000