Book Title: Jine ke Usul Author(s): Chandraprabhsagar Publisher: Jityasha Foundation View full book textPage 8
________________ जीने के उसूल अकेलापन समूह में रह चुके व्यक्ति के लिए अकेलापन तभी मंगलकारी है, जब उसके अन्तर्मन में शान्ति के प्रति आस्था हो। अखबार अख़बार तो सुबह का सूरज है, जिसके उगे बिना सवेरा होने का अहसास ही नहीं होता। अच्छाई हम अच्छे लोगों के साथ जिएँ, हमारे जीवन में अच्छाई के फूल स्वत: खिल उठेंगे। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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