Book Title: Jine ke Usul
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 7
________________ निश्चय ही ये प्रेरक वचन हम सबके जीवन को नये उत्साह और विश्वास से भरेंगे। हम जब-जब भी इन स्वर्णिम वचनों का मनन करेंगे, हमें एक नई सार्थक दिशा उपलब्ध होगी। इनमें से जो वचन आपको अपने लिए सर्वाधिक प्रेरक लगे, आप उन्हें किसी सुन्दर कार्ड पर बड़े अक्षरों में लिखें और अपने घर-दफ्तर में ऐसी जगह लगाएँ, जहाँ सहज ही आपकी नज़र पड़ती हो। आप आश्चर्य करेंगे कि वह वचन आपके जीवन के लिए एक बेहतरीन दीप-शिखा और प्रेरणा-शास्त्र का काम कर रहा है। जीवन की सफलता के लिए ये वचन आपके लिए अमृत हैं। ___ आइये, हम अपने कदम बढ़ाते हैं उस दिशा की ओर जहां से जीवन में शांति, प्रेम और प्रगति के मंगल द्वार उपलब्ध होते हैं। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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