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जैन शिलालेख - सग्रह
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कीरप्पाक्कम् ( चिंगलपेट, मद्रास ) ९ वी सदी, तमिल
[ इस लेखमे कीरपाक्कमुके उत्तरमे देववल्लभ जिनालयका उल्लेख है । इसका निर्माण यापनीय मघ कुमिलिगणके महावीरगुरुके शिष्य अमरमुदलगुरु-द्वारा किया गया था । लिपि ९वी सदीकी है । ]
[रि० स० ए० १९३४-३५ क्र० २२ पृ० १० ]
बेगूर ( बगलोर, मैसूर ) ९वीं मदा, कट
[ इस निसिधिलेखमे मोन भट्टारके शिष्य न्दिभटारके समाधिमरणका उल्लेख है । लिपि ९वी सदीकी है। यह लेख नागेश्वर मन्दिरमे लगा है । ] [ ए०रि० मं० १९१५ पृ० ४६ ]
७२
बेलगाँव (मैसूर) ९वीं-१०वी सदी, कचढ
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[ यह लेख नेमिनाथमूर्ति के पादपीठपर है । इस मूर्तिको स्थापना 'राष्ट्रकूट वशरूपी समुद्रके लिए चन्द्रके समान' मणिचन्द्रके गुरु नेमिनाथ ( नेमिचन्द्र ? ) द्वारा की गयी थी। ]
[रि० अ० स० १९२८-२९ पृ० १२५ ]
७३ अलगरमले ( मदुरा, मद्रास )
वहेतु किपि - ९वी - १०वी सदी
[ यह लेख एक जिनमूर्तिके समीप सुदा है ] (मूल ) १ श्री यच्चण
२ टि शेय
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