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जैन शिकालेस संग्रह
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गुरुवयनकेरे (द० कनडा, मैसूर )
शक १४३१ = सन् १५१०, कन्नड
[ यह लेख स्थानीय शान्तीश्वरवमदिके भण्डपमे है । इसमें माघ व० १०, सोमवार क १४३१ को वेलतगडीके कुछ लोगो द्वारा कुछ भूमिके दानका उल्लेख है । ]
[रि० स० ए० १९२८-२९ ० ४८० १०४५]
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वरांग (द० कनडा, मैसूर )
शक १४३७ = सन् १५१५, कन्नड
[ यह लेख विजयनगरके कृष्णदेवमहारायके समय माघ शु०५, शुक्रवार, शक १४३७ भावसवत्सरका है। इनमें तुलुराज्यके शासक रत्नप्पोडेयका उल्लेख किया है । देवेन्द्रको तिकी प्रार्थनापर इस बसदिके लिए देवराय द्वारा पहले दी हुई भूमिके पुन खेतीयोग्य बनानेका इसमें उल्लेख है । यह कार्य अक्कम्म हेग्गिडिति तथा उनके सहयोगियो द्वारा सम्पन्न हुआ था ]
[रि० मा० ए० १९२८-२९ पृ० ४९ क्र० ५२८ ]
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चामराजनगर (मैसूर )
सन् १५१८, कन्नड
[ इस लेखमें अरिकुठारके महाप्रभु कामैय नायकके पुत्र वीरंय नायकद्वारा विजय ( पाप ) नाथ मन्दिरके लिए सन् १५१८ में कुछ दानका उल्लेख है । ]
[ ए० रि० मै० १९१२ पृ० ५१]