Book Title: Jain Shila Lekh Sangraha Part 4
Author(s): Vidyadhar Johrapurkar
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 406
________________ मन्दिरो व मूर्तियोंका विवरण १९२ सरस्वती (धातु ५ ई०) लेख ऋ० ११६ (दो मूर्तियों) १९३ पाश्र्वनाथ (सफेद पा० १ ० २ ई.) लेख क्र. ३०० १९. यक्षिणी (धातु ४३ ई.) लेख ऋ० १३० १२५ पचमेरु (धातु २ फुट ९ इ०) लेख क्र. २३२ १६६ पार्श्वनाथ (धातु ३ फु०) लेख कं० २३० (दो मूर्तियाँ) ११७ मादिनाथ (धातु १०ई०) लेख क्र० २८२ १६८ बाहुवली (धातु ७ इं० ) लेख क्र० २३६ (दो मूर्तियाँ) १९९ आदिनाथ (धातु ७३०) लेख क्र० २५६ २०० पार्श्वनाथ (धातु ४ इ०) लेख क्र० ३४ २०१ पाश्वनाथ (धातु३३०) लेख क्र० ७० २०२ पार्श्वनाथ (धातु ३३ई.)लेख क्र० ६३ २०३ पाश्वनाथ (धातु ३ ई.) लेख क्र. १६५ २०४ चौबीसी (धातु इ०) लेख क्र० १३६ २०. चन्द्रप्रम (धातु ५ ई.) लेख क्र० २९ २०६ पाश्वनाथ (धातु ५०) लेख क्र. १७८ २०७ पार्श्वनाथ (धातु इ० ) लेख क्र० ३०१ २०८ पाश्वनाथ (सफेद पा० १० ई.) लेख क्र० ९९ २०६ पचमेरु (धातु २ फु० ३ ई.) लेख ऋ० १५४ (दो मूर्तियाँ) २१० चौवीसी (धातु १० इ० ) लेख क्र. १४६ २११ पार्श्वनाथ (धातु ५ इं० ) लेख क्र. ७८ २१२ पार्श्वनाथ (धातु ४३ ई० ) लेख क्र० १५८ २६३ चन्द्रप्रम (धातु इ० ) लेख क्र०६१ २१४ पार्श्वनाथ (सफेद पा० १० ३ इ.) लेख क्र० २१५ २१५ नन्दीश्वर (धातु १ फु० ) लेख क्र० ६२ २५६ चौबीसी (धातु ३३ इ.) लेख क्र. १३७ २१७ नेमिनाथ (काला पा० १ फु० ३ ई.) लेख क्र. २३३

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