Book Title: Jain Shila Lekh Sangraha Part 4
Author(s): Vidyadhar Johrapurkar
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 405
________________ ४३० जनशिलालंग्य-मग्रह १७३ रखनय यंत्र (धातु ३ ई०) लंब ऋ० ११ १७४ दशलक्षण यंत्र (धानु: इ.) लंग फ० १२० १०५ रखनय यन्त्र (धानु३ ई.) लेख ऋ० १०३ १७६ रवय यंत्र ( धानु ३०) लंग २० १३० लेयरहित प्रतिमा - चाबीसी (काला पा० १ फुट), मिद्ध (धातु इ०, दो मृतियाँ), नदीवर (धानु ५इ०), पाश्वनाथ (याला पा. १० चौबीसी के मध्यम्बिन), पद्मावती (मफल पा० . फु०), पद्मावती (धानु ° इ.), पद्मावती (घानु ई०), पद्मावती ( धानु ३० ई.), [७] पार्श्वप्रभु दिगम्बर जैन बडा मन्दिर, इतवारी, नागपुर १७७ पाश्र्वनाथ (भानु कु. ) लंग्य ३० १५७ १७८ गातिनाथ (धातु फु०३ इ.) लेग क्र. २२१ १७९ आटिनाय ( चानु १ फु०२०) लंगक० २०१ १८० नन्दीश्वर (धानु ५१० ) लेस ०१०२ १८. पंचमेर (धातु ११०)लेग्य क्र. ०००(चार मूर्तियों) १८२ वासुपूज्य (यानु ७ ई.) लेन ३० REE ३१३ अनन्तनाय (धातु • ई.) लेन३० २३५ १. पार्श्वनाथ (धातु, .) लंग क्र. ७ १८५ चौबीपी (धानु ३७०लेन क्र. ०३१ १८६ बाबीसी (धातु ८ ई.) लंग क्र. १४१ 1८७ धाबीमी (धानु ९६० ) लेख २० १०० १८० रवप्रय मुनि ( बानु है इं०) लस ऋ० ११ १८९ महावीर (धानु १० ई.) लेख ०१.१ १९. चाचीमी (धातु ई०) लेस ०५६ १९१ क्षेत्रपाल (धानु ६ ई.) लेस क्र० २०४

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