Book Title: Jain Shila Lekh Sangraha Part 4
Author(s): Vidyadhar Johrapurkar
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 417
________________ १५१ मन्दिरों व मूर्तियोका विवरण ११ पार्श्वनाथ (धातु २२ ई०) लेख क्र० ६४ ४४२ पाश्र्वनाथ (धातु २३ इ.) लेख क्र० ३१४ ४४३ यक्षिणी (धातु ६ इ.) लेख ऋ० १५६ [३१] गृहचैत्यालय-श्री०वर्धासा सकुसा महाजन, इतवारी ४४४ चौवीसी (धातु३३ ई०) लेख क्र० १५६ १४५ पार्श्वनाथ (धातु ३ ई.) लेख क्र० ३६ ४४६ षोडशकारण यंत्र ( धातु ३ इ.) लेख क्र० १२२ ५४० यक्षिणी (धात ५ इं.) लेख क्र.३० ४४८ यक्षिणी (धातु ५३०) लेख ऋ० ११ ४१६ यक्षिणी (धातु ५ इ० ) लेख क्र. १२५ ४५. यक्षिणी (धातु ५ इ०)लेख क्र. ४६ लेखरहित-पाश्र्धनाथ (धातु ५ ई.) [३२] गृहचैत्यालय-श्री नत्थुसा पैकाजी चवरे, इतवारी १५५ सुपाश्र्वनाथ (सफेद पा० ५६० ) लेख ऋ० २६६ ४५२ चन्द्रप्रम (धातु २ ई.) लेख क्र. ११६ १५३ पार्श्वनाथ (धातु २३ इ.) लेख क्र० २७ ५५. पार्श्वनाथ ( धातु २३ ई.) लेख क्र. २१३ ( दो मूर्तियाँ) ५५५ पार्श्वनाथ (धातु २ इं०) लेख क्र. ३१५ ४५६ पाश्वनाथ (धातु ३ ई.) लेख क्र० ३०० (दो मूर्तियों) ४५७ यक्षिणी (धातु ५ ई.) लेख क्र. १०६ लेखरहित-पार्श्वनाथ (धातु २ ई.) [३३] गृहचैत्यालय-श्री रुखवसा पिंजरकर, इतवारी ५५८ पाश्र्वनाथ (धातु २३ ई.) लेख क्र० २१३ [३४] गृहचैत्यालय-श्री लक्ष्मणराव देवमनसा बोबडे, इतवारी १५५ पाश्र्वनाथ ( धातु ३ इं० ) लेख ऋ० १६६

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