Book Title: Jain Shila Lekh Sangraha Part 4
Author(s): Vidyadhar Johrapurkar
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 439
________________ जनकलि १३५ जकियक्क १५५ जक्कियव्वे ४३, २७२ क्रिसेट्टि २०५ जगतकीति ४०२ १७०-२ जगमणचारि १३२ जटामिनदि ३७१ जट्टिगोड ३२९ जनिग १३५-६ जगतापिगुत्ति ३२९ जगदेकमल्न ७५ ७, ८०-१, ९३, जावूर ३८३ नामसूची जननाथपुरम् १२२ जननाथमगलम् १६६ जबलपुर ३१० जम्बूखण्डगण १५-१६ जयकीर्ति ९५, १२९, ३८३ जयकेशि ११२, १५३, १७२,२५१ जयदेव १८९, ३६० जयन्ताचार्य ६८ जयराज १८९ नयत्रीरपेम्लिमंत्रान् ३६६ जयमिह २४, ६३, ७६, ११५, १२०, १५१-२, ३४३, ३९० जयसेन ६७, ६९, ३८१ जयगोडशोलमडलम् १७८ ३१ जमनन्दि ५७ जाकवे २६६ जाकिम ९८ जातियवक १४६ जाबालिपुर १९० जालोर ३८६ जाट १९१, १९६ जाह्नवे कुल ९, १७ जिड्डु लिगे २७७ जिनकंचि ३४४-५ जिन गिरिपल्लि २५१ जिन गिरिमले २५५ ४०१ जिनचन्द्र १९५, १९७, २०४, २०७ २५८, २७५, २८७, ३१०, ३६९, ३९६, ३९८, ४०३, ४२७ जिनदत्त २२५ जिनदाम ३९७ जिनदेव १५३, ३७६, ३९७ जिनभूषण ३६६ जिनवल्लभ ४०-१ जिनसेन २९४-५, ४०७-८, ४१२ जिनेन्द्र मगलम् ३१८ जिन्नण १८६ जीमूतवाहनान्वय १३७-८, १६२,

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