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जैनशिलालेख-सग्रह
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४८१ महेश्वर (मध्यप्रदेश)
सं० १६२७ -सन् १५७१, संस्कृत-नागरी [ यह लेख सम्राट अकबरके राज्यकालमें सवत् १६२७ में लिखा गया था। मालवामें उस समय ख्वाजा अजोश बेग प्रान्तीय शासक नियुक्त था। इस समय मण्डलोई सुजानरायने महेश्वरस्थित आदिनाथमन्दिरका जीर्णोद्धार किया।
अकवरके शासनकालके अन्य दो लेख यही प्राप्त हुए है। इनमें मण्डलोई देवदास (सुजानरायके बन्धु ) द्वारा सवत् १६२२ में महेश्वर मन्दिरका तथा सवत् १६२६ में कालेश्वर मन्दिरका जीर्णोद्धार किये जानेका उल्लेख है। इस तरह जैन सज्जनो-द्वारा जनेतर मन्दिरोको सहायताका यह उदाहरण है।]
[इ. हि का० १९४७ पृ. ३९२]
४८२ कुचगि (तुकूर, मैसूर)
सन् १५७३, कन्नड [इम मूर्तिलेखमें कहा है कि नाल्कुवागिल निवासी वोम्मिसेट्टिके पुत्र दानप्पने यह मूर्ति तथा प्रभावलि सन् १५७३मे स्थापित की । ]
[ए. रि० मै० १९१६ पृ० ८४ ]
४८३ चित्तामूर (द० अर्काट मद्रास) शक १५००-सन् १५७८, कन्नड-तमिल-संस्कृत [ यह लेख स्थानीय जिनमन्दिरके मानस्तम्भपर है। इस स्तम्भको