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जैन शिकालेस संग्रह
५०५
कलकत्ता ( नाहर म्युजियम )
शक १५४८ = सन् १६२६, कन्नड
[ -५०५
१ सक १५४८ श्रीमूलसघ भट्टारक २ श्रीधर्मचद्रोपदेशात् प्रणम
३ श्रीमतिवीर
[ यह लेख पीतलकी चौबीसतोयंकरमूर्तिके पादपीठ पर है । मूलसघके धर्मचन्द्र भट्टारकके उपदेशसे श्रीमतिवीर द्वारा इस प्रतिमाकी स्थापना शक १५४८ में की गयी थी । लिपिसे पता चलता है कि यह मूर्ति कर्नाटकम निर्मित है । ]
[ ए०रि० मं० १९४१ पृ० २४९ ]
५०६
कोलारस ( शिवपुरी, मध्यप्रदेश )
संवत् १६८४ = सन् १६२८, हिन्दी-नागरी
[ इस लेखमें शाहजहाँके अधीन शासक अमरसिंहके समयमें एक जैन चैत्यालयके जीर्णोद्वारका उल्लेख है । तिथि आपाढ शु० ९, गुरुवार, सवत् १६०॥८४ इस प्रकार दी है । ]
[रि० इ० ए० १९५४-५५ क्र० २४१ १० ४८ ]
५०७
मूढविदुरे (मैसूर)
शक १५५४ - सन् १६३२, कन्नड
[ इस ताम्रपत्रमै उल्लेख है कि विदुरेके दो विभाग वेट्टकेरी तथा मालगडिकेरीमें रहनेवाले श्रावक पहले दीवालीका त्योहार मनाते वक्त