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मैसूर टिके लेख
३५३
उल्लेख किया है । मरिनागय दनिकार पद्मयका पुत्र था । लिपि १९वी
सदीकी है ।
[ मूल लेख कन्नड लिपिमें मुद्रित ]
[ ए०रि० मं० १९३६ पृ० १०० ]
પૃષ્ઠ
मैसूर
१९वीं सदी, कन्न
उपर्युक्त वसतिमें घण्टापर
[ इस लेखमे शिरसँयके छोटे भाई पृट्टैय द्वारा इस घण्टेके दानका उल्लेख है । लिपि १९वी सदीकी है ।
( मूल लेख कन्नड लिपिमे मुद्रित )
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५३५
मत्तावार (मैसूर)
१९ वीं सदी, कन्नड
मत्तवर बस्ति पार्श्वनाथस्वामिचैत्यालयक्के
ऐवर अवणनुव
[ उपर्युक्त पृ० १०० ]
[ यह लेख एक घण्टेपर खुदा है। ऐवर मवण द्वारा यह घण्टा मत्तवूरके पार्श्वनाथस्वामी चैत्यालयमें अर्पण किया गया था । लिपि १९वी
सदीकी है । ]
[ ए०रि० मं० १९३२ पृ० १७५]