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जैनशिलालेख संग्रह
६१३
कुमठ (उत्तर कनडा, मैसूर )
कन्नड
[ ६१३
[ स्थानीय जैन वसदिमें पार्श्वनाथमूतिके पादपीठपर यह लेख है । मूलसघ, सुरस्तगण, चित्रकूट गच्छके मुकुन्ददेव द्वारा इस मूर्तिकी स्थापना की गयी थी। ]
[रि० इ० ए० १९४७-४८ क्र० २३७ १० २७]
६१४
कुमठ (उत्तर कनडा, मैसूर )
काड
[ इस लेखमें पुष्य शु० ( ? ) क्रोधन सवत्सरके दिन क्राणूरगणके गजिय मलवारिदेवकी शिष्या कचलदेवीके समाधिमरणका उल्लेख है । इसके पतिका नाम त्रिभुवनवीर था तथा कदम्ब राजाओकी उपाधियां उसे दो गयी है । ]
[रि० इ० ए० १९४७-४८ क्र० २४२ ० २८ ]
६१५ रायद्रुग ( बेल्लारी, मैसूर )
कन्जट
[ यहांके निसिधि लेखो में निम्न व्यक्तियोके नाम है - मूलसधके चन्द्रभूति, आपनीय सघके चन्द्रेन्द्र, वादय्य तथा तम्मण्ण । एक लेसपर माघ शु० १ सोमवार, प्रमाथि सवत्सर यह तिथि दी है । ]
['रि० सा० ए० १९१३-१४ क्र० १०९ १० १२]