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मूढविदुरके लेस धन दान दिये जानेका उल्लेख है। यह दान अभिनव चारुकीति पण्डितके मानावर्ती सेट्टिकारीको सौपा गया था। १२५० वराह मुद्राओके एक और दानका भी इसमे उल्लेख है। तिथि मेप (त्रयोदशी ), शुक्रवार, शक १४८५, रुधिरोद्गारी संवत्सर ऐसी दी है।]
[रि० सा० ए० १९४०-४१ पृ० २३ क्र० १९]
४७६ मिन्स आफ वेल्स म्युजियम, वम्बई शक १४८५=सन् १५६३, शिलालेख क्र. B B. ३०७, कन्नड
[यह लेख चैत्र शुक्ल १२, सोमवार, शक १४८५, दुन्दुमि सवत्सर, के दिन लिखा गया था। विठ्ठप्प नायक तथा हेम्मरसि नायिकितिके पुत्र सालुव नायक-द्वारा गैरसोप्पेमें शान्तिनायका मन्दिर वनवाये जानेका तथा इस मन्दिरको कुछ जमीन दान देनेका इसमें निर्देश है। इसमे नगिरे, हवे, तुल तथा कोकण इन पश्चिम समुद्रतटके प्रदेशोपर रानी चेन्न भैरादेवीके शासनका उल्लेख है।
[रि० इ० ए० (१९५०-५१ ) क्र. २४]
४८० मूडविदुरे (मैसूर)
शक १४९३ सन् १५७१, कन्नड [इस ताम्रपत्रमें मीचारमागाणे विभागके मरकत ग्रामको कुछ ज़मीन विदुरेकी वमतिमें आहारदानके लिए अपित करनेका उल्लेख है । यह दान चौट कुलको अन्वक्कदेवीने उसकी वहन पदुमलदेवीकी पुण्यवृद्धिके लिए दिया था। पुत्तिगेके शासक इस दानका भग न करें ऐसी सूचना अन्तमें दी है। तिथि पोप शु०८, रविवार, शक १४९३ प्रजोत्पत्ति सवत्सर, इस प्रकार दी है। ]
[रि० सा० ए० १९४०-४१ पृ० २३ क्र० ए३]