________________
जनशिलालेस-सग्रह
[पंचमि आदिवारदलु मदियर् यलिय गण्डलिकेय उटेकोट राम
नायकनु विदिल्लि तनगे स्वर्गापवर्गसुसपके का. २ (र)णवागि चैत्यालयव कटिसि आदीश्वरन प्रतिष्टेषन माडिसि
दनु श्री [ इस लेखमें रामनायक-द्वारा विदिर प्राममै चैत्यालय वनवानेका तथा आदिनाथकी इस मूर्तिको स्थापना करवानेका वर्णन है । यह कार्य ज्येष्ठ शु० ५, शक १४१० के दिन सम्पन्न हुआ था।]
[ए. रि० मे० १९४३ पृ० १९३]
४४७ जवलपुर (मध्यप्रदेश) संवत् १५४६ =सन् १४६३, संस्कृत-नागरी [ यह लेख पार्श्वनाथको भग्न मूर्तिक पादपीठपर है। तिथि वैशाख शु० ३, सवत् १५४९ ऐसी दी है।]
[रि० इ० ए० १९५१-५२ ० १२३ पृ० २१]
शिवहूंगर ( राजस्थान)
सं० १५५६ सन् १५००, स.पूव-नागरी [यह लेख मूलसंघ-बलात्कारगण - सरस्वतीगच्छके आचार्य रलकीतिक समय स० १५५६ में लिखा गया था। इनकी गुरुपरम्परा पद्मनन्दि-शुभचन्द्र-जिनचन्द्र-रलकीति इम प्रकार बतलायी है।]
[रि० आ० स० १९०९-१० १० १३२]