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-३९] हडसनका लेख
२८३ था। इनके कुलके होन्नपसैट्टि तथा नम्बिनेट्टि इन वन्धुलोने दिये हुए दानका विवरण इन लेखमे दिया था।]
[ए० रि० मै० १९२८ पृ० ९५ ] ३६८ हडजन ( मैमूर) शक १३०(६)सन् , १३८४, कन्नड १ स्वस्ति श्रीमतु शकवरिष १३० संवत्सरद २ ज्येष्ठ व १ आ। श्रीमतु मैसुनाट ह३ ददनद तडेयर कुलट बम्मय्यनवर सुपुत्र हिरि५ य माढण्णनवरु देवरिंगे । श्रीमद् रायराजगुरु मडलाचार्य ५ सकलविद्वज्जनचक्रवर्तिगलुमप्प सैद्धातिदेवर प्रियगुडि केशवढे६ (वि)यरु मा केशवदेवियर मारदेवियरु स्वगंग७ तरादरु । अवर निसिढियं माडिसि आ निसिढिय भर्चनेगे बि८ तह क्षेत्र बमटिंगे पूर्वदलुल्लगहेयि तेंकण व ९ तिन असरिसदलु हत्तु खड्ग गहेयनु धाराए१० वकवागि नरव हांगे पाहिरिय माढण्णनवरु विवत्ति
[यह लेख मण्डलाचार्य सैद्धान्तिकदेवकी शिष्या केशवदेवीकी वडी वहन मारदेवीके समाधिमरणका स्मारक है। इस निसिदिकी पूजाके लिए हिरिय मादण्णने स्थानीय वसदिको कुछ भूमि दान दी थी । लेखकी तिथि ज्येष्ठ व० १, रविवार शक १३० (चौथा अक लुप्त है ) दी है। तिथि और वारके योगसे यह शकवर्ष १३०६ निश्चित होता है। ]
[ए. रि० मै० १९३८ पृ० १६४]