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নদিতাম
[१२४नोलम्बवाडि तथा करिविडि प्रदेशके सामन्त नोलम्ववीय घटेयककारद्वारा मरवोलल्की वसदिके लिए कुछ भूमि अर्पण किये जानेका उल्लेख है। यह पाम उस समय सत्तिग ( सत्याश्रय ) की पुत्री महादेवीके गासनमें था। जैन आचार्य अनन्तवीर्य, गुणकीर्ति सिद्धान्तभट्टारक तथा उनके शिष्य देवकोतिपण्डितका भी इसमें उल्लेख है।] [ मूल कन्नडमे मुद्रित]
[सा० इ० इ० ११ पृ०५०]
हैदरावाद म्युजियम (आन्ध्र)
शक ९४९ - सन् १०२७, कन्नड [ यह लेख चालुक्य राजा जयसिंह २ के राज्यकालका है। इस राजाकी कन्या सोमलदेवी-द्वारा पिरियमोसगिके वमदिके लिए कुछ दानका इसमें उल्लेख है । तिथि शक ९४९ प्रभव मवत्सर ऐसी दी है।]
[एन्शण्ट इण्डिया १९४९ पृ० ४५ ]
होसूर ( मैसूर)
शक ९५० - सन् १०२८, कन्नड [यह लेख चालुक्य सम्राट् जगदेकमल्ल (१) के समय शक ९५०, विभव सवत्सरको उत्तरायणसक्रान्तिके दिन पोप शु० १३, रविवारको लिखा गया था। केशवरसका पुत्र दण्डनायक वाषणरस तथा उसका बन्धु महासामन्ताधिपति श्रीपादरम इनके शासनका इसमें उल्लेख है। वावणरमकी पत्नी रेवकव्वरसिके अधीन सिन्दरस पोसवूर नगरपर शासन कर रहा था। उस समय आयचगावुण्डने पोस्चूरमें अपनी पत्नी कचिकब्बेके स्मरणार्थ एक बसदि वनायी और उसे कुछ भूमि तथा एक उद्यान अर्पण किया। आय्चगाबुण्डके पुत्र एरकके पुत्र पोलेगने यह लेख स्थापित किया था। ये मोरक कुलमें उत्पन्न हुए थे। [ मूल कन्नडमे मुद्रित]
[ सा० इ० इ० ११ पृ० ५५]