Book Title: Jain Sahitya ka Samajshastriya Itihas
Author(s): Usha Agarwal
Publisher: Classical Publishing Company

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Page 13
________________ दी०नि० उ०चू०. . वि०सू० आचा०चू० * जै०स०शो० उ०सू० नि०सू० पि०नि० प्र०व्या० अं०नि० ग०० सू०कृ० या०स्मृति दश०चू० नि०भ अंगु०नि० गौ०ध०सू० क०सू०टी उ०द० नि०व० आ०नि० इ०लौ०स्ट० दि०आ०स०औ०गु० दि०आ०स०औ०० जै०स्तू०ए०अ०ए०औ०म० जै०सो०औ०ए०० ए०इ०हि०० ज०उ०प्र०हि०सो० का०स० वा०सं० इ०मा० जैन्यु०नि० दीर्घनिकाय उत्तराध्ययनचूर्णी विपाकसूत्र आचारांगचूर्णी जैन सन्देश शोधांक उत्तराध्ययनसूत्र निशीथसूत्र पिण्डनियुक्ति प्रश्नव्याकरण अंगुत्तरनिकाय गच्छाचारवृत्ति सूत्रकृतांग याज्ञवलक्य स्मृति दशवैकालिक चूर्णी निशीथभाष्य अंगुन्तरनिकाय गौतमधर्मसूत्र कल्पसूत्रटीका उपासकदशा निरियावतिओ आवश्यकनियुक्ति इन्डोलोजिकल स्टडीज दि आकर्योलोजिकल सर्वे औफ गुजरात दि आकर्योलोजिकल सर्वे औफ मैसूर जैनस्तूप एण्ड अदर एण्टीकवरीज औफ मथुरा जैन सोर्सज औफ एन्शियन्ट इण्डिया एन्शियन्ट इण्डियन हिस्टोरिकल ट्रेडीशन्स जर्नल औफ उत्तर प्रदेश हिस्टोरिकल सोसायटी काठक संहिता वाजसनेयी संहिता इपिक माइथोलोजी जैन युग निर्माण

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