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काल चक्र का कालमान : उत्सर्पण
अवसर्पण १. २१००० वर्ष
१. ४ कोड़ा-कोड़ी सागर २. २१००० वर्ष
२. ३ कोड़ा-कोड़ी सागर ३. ४२ हजार वर्ष कम ३. २ कोड़ा-कोड़ी सागर ___एक कोड़ा-कोड़ी सागर ४. दो कोड़ा-कोड़ी सागर ४. ४२ हजार वर्ष कम
एक कोड़ा-कोड़ी सागर ५. ३ कोड़ा-कोड़ी सागर ५. २१००० वर्ष ६. ४ कोड़ा-कोड़ी सागर ६. २१००० वर्ष क्रोड को क्रोड से गुणाकार करने पर कोड़ा-कोड़ी कहा जाता है।
जैन आगमकारों ने द्रव्य की शक्ति, सृष्टि-परिवर्तन का क्रम और कालमान काल (Time) आकाश (Space) आदि के सम्बन्ध में अपने अतीन्द्रिय ज्ञान द्वारा निरपेक्ष सत्य (Obsolute Truth) प्रस्तुत किया।
विज्ञान की विभिन्न शाखाओं ने भी अनुसंधान के आधार पर भिन्नभिन्न मन्तव्यों को अभिव्यक्ति दी। उनमें सर्वमान्य थ्योरी बिग बेन्ग (Big Bang Theory) है।
मि. कार्ल सेग द्वारा निर्मित 'कॉस्मिक कलेन्डर' जो ई. स. १९७९ में प्रकाशित हुआ। कार्ल सेग ने सबसे बड़े धड़ाके से प्रलय काल तक १२ मास अर्थात ३६५ दिनों का विभाग किया है। उसका विवरण इस प्रकार है। बड़ा विस्फोट
१ जनवरी आकाश गंगा का उद्भव
१ मई सूर्य का उद्भव
९ सितम्बर पृथ्वी की उत्पत्ति
१४ सितम्बर पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत
२५ सितम्बर सूक्ष्म जीवों के लिंग की शुरुआत
१ नवम्बर जीव कोषोद्भव
१५ नवम्बर पृथ्वी पर 'प्राणवायु' मय वातावरण
१ दिसम्बर
विकासवाद : एक आरोहण