Book Title: Jain Darshan ka Samikshatmak Anushilan
Author(s): Naginashreeji
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 274
________________ १५.गोम्मटसार नेमिचन्द्र सिद्धांत चक्रवर्ती १९७९ भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन १६. गीता रहस्य ले. बाल गंगाधर तिलक १९२८ रामचन्द्र बलवंत संस्करण ७वां तिलक नारायणपेट १७. ग्रीक दर्शन ले. जगदीश सहाय १९८१ किताब महल १५ का इतिहास श्रीवास्तव तृतीय संस्करण थार्नहिल रोड इलाहाबाद १८. ज्ञानार्णव उपा. यशोविजय १९४६ जैन ग्रन्थ प्रकाशक सभा, राजनगर १९. चिंतन की मनोभूमि उपाध्याय अमरमुनिजी १९७० सन्मति ज्ञानपीठ, जैन विद्या शोध संस्थान आगरा २०. छांदोग्योपनिषद् सं. हनुमानप्रसाद पोद्दार २०५५ कल्याण उपनिषद् अंक चिमनलाल गोस्वामी चतुर्थ संस्करण एम. ए. शास्त्री गीता प्रेस गोरखपुर २१.जैनदर्शन : मनन मुनि नथमल १९७३ आदर्श साहित्य संघ और मीमांसा प्रकाशन २२. जैन दर्शन में जैन लालचंद १९८४ पार्श्वनाथ विद्याश्रम आत्म विचार शोध संस्थान वाराणसी २३. जैन कर्म सिद्धांत का डॉ. रविन्द्रनाथ मिश्र १९९३ पार्श्वनाथ शोध संस्थान उद्भव और विकास पीठ वाराणसी २४. जैन दर्शन चिन्तन- सिंह, रामजी १९९३ जैन विश्व भारती अनुचिंतन लाडनूं २५. जैन आचार सिद्धांत देवेन्द्र मुनि शास्त्री १९८२ श्री तारक गुरु जैन और स्वरूप ग्रंथालय २६. जैन दर्शन में ले. साध्वी डॉ. ज्ञानप्रभा वि.२०५१ श्री रतन जैन जीव तत्त्व एम.ए.,पीएचडी प्रथम पुस्तकालय आ. आनंद संस्करण ऋषि मार्ग, वुरूड गांव २७. जैन दर्शन ले. आचार्य महाप्रज्ञ २००० आदर्श साहित्य संघ के मूलसूत्र २८. जैन दर्शन और ले. मुनि नगराज आत्माराम एन्ड सन्स आधुनिक विज्ञान कश्मीरी गेट दिल्ली २९. जिनसूत्र आचार्य रजनीश १९७६ रजनीश फाउंडेशन प्रथम संस्करण चूरू ३०.जैन आचार डॉ. मोहनलाल मेहता १९६६ पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान वाराणसी सन्दर्भ ग्रन्थ सूची .२५५.

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