Book Title: Jain Darshan ka Samikshatmak Anushilan
Author(s): Naginashreeji
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 277
________________ ६१. मानव चेतना स्वरूप भूमित्रदेव कुलपति और विकास रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली ६२. योगशास्त्र आचार्य हेमचन्द्र जैन साहित्य विकास मण्डल, मुम्बई चौखम्बा प्रकाशन वाराणसी ६३. योगवार्तिक विज्ञान भिक्षु १९३५ ६४. विश्व प्रहेलिका ले. मुनि महेन्द्र ले. मुनि अमरेन्द्र विजय ६५. विज्ञान और अध्यात्म १९६९ जवेरी प्रकाशन माटुंगा मुम्बई शिरीशचन्द्र शिवहरे दी फाइन आर्ट प्रिंटिंग प्रेस अजमेर राज. २०५५ कल्याण उपनिषद् अंक चतुर्थ संस्करण गीता प्रेस गोरखपुर १९८६ राजपाल एन्ड सन्स कश्मीरी गेट, दिल्ली ६६. वृहदारण्यकोपनिषद् सं. हनुमानप्रसाद पोद्दार चिमनलाल गोस्वामी एम. ए. शास्त्री ६७. विश्व का महान् विश्वमित्र शर्मा वैज्ञानिक डारविन विश्वमित्र शर्मा १९८६ ६८. विश्व का महान् वैज्ञानिक न्यूटन राजपाल एन्ड सन्स कश्मीरी गेट, दिल्ली आचार्य तुलसी १९६९ ६९. श्री भिक्षु न्याय कर्णिका आदर्श साहित्य संघ ७०. सूयगडो १९८४ जैन विश्व भारती लाडनूं वा. प्र. आचार्य तुलसी सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ वा. प्र. आचार्य तुलसी सं. आचार्य महाप्रज्ञ ७१. समवाओ १९८४ जैन विश्व भारती लाडनूं ७२. समयसार कुन्दकुन्दाचार्य १९८२ श्री परमश्रुतु प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास (गुजरात) चोखम्बा विद्या भवन वाराणसी ७३. सर्वदर्शन संग्रह अनु. प्रो. उमाशंकर शर्मा. ऋषि ७४. स्याद्वाद मंजरी सं. डॉ. जगदीशचन्द्र जैन ७५. श्वेताश्वतरोपनिषद् सं. हनुमानप्रसाद पोद्दार चिमनलाल गोस्वामी एम. ए. शास्त्री १९६९ परमश्रुत प्रभावक मंडल अगास गुजरात २०५५ कल्याण, उपनिषद् अंक चतुर्थ संस्करण गीता प्रेस, गोरखपुर .२५८० - जैन दर्शन का समीक्षात्मक अनुशीलन

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