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६ और उत्सर्पण ६ पर्व हैं। जैसे घड़ी होती है। उसके १२ अंक हैं। कांटा १ से ६ तक नीचे उतरता है । ६ से बारह तक वापस ऊपर जाता है। यह क्रम निरन्तर चलता रहता है। इसी प्रकार उत्सर्पण के ६ पर्व क्रमशः
१
•१७४
२
३
दुषम दुषमा
दुषम
दुषम सुषमा
अवसर्पण के ६ पर्व क्रमशः
१.
२
३
४
३
४
५
काल चक्र
१ १ २
उत्सर्पण अर्थात् सांप की पूंछ से मुंह की तरफ आगे बढ़ते हैं । अवसर्पण मुंह से पूंछ की ओर उतरते हैं इसे Descending era कहते हैं ।
५
६ । ६
२
सुषम सुषमा
सुषमा
सुषम दुषमा
सुषम दुषमा
सुषमा
सुषम दुषमा
दुषम सुषमा
दुषम
दुषम सुषमा
३
४
५
દ
५
४
• जैन दर्शन का समीक्षात्मक अनुशीलन