Book Title: Itihas ki Dharohar evam Karm Prashnottari
Author(s): Pragunashreeji, Priyadharmashreeji
Publisher: Pragunashreeji Priyadharmashreeji
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________________ * दिल्ली रूपनगर- के चातुर्मास में श्रीसंघ को प्रेरणा देकर चाँदी का रथ बनवाया। * दिल्ली रोहिणी- के चातुर्मास में श्री वासुपूज्य भगवान के पीछे सोने चाँदी की पछेड़ी बनवाई तथा श्री आत्म-वल्लभ जैन भवन बनवाया। * मेवाड़ के उदयपुर शहर- व थोब की वाड़ी में ऐतिहासिक चातुर्मास करके श्री जिनमन्दिर के 5 भव्य भण्डार बनवाए। अम्बाला शहर- के हाई स्कूल में पू. श्री आत्मारामजी म. की देहरी का जीर्णोद्धार कराया तथा श्री सुपार्श्वनाथ भगवान के मन्दिर में श्री गौड़ी पार्श्वनाथ भगवान के परिसर का जीर्णोद्धार करवाया। यमुना नगर- में श्री आत्म-वल्लभ जैन उपाश्रय का नव निर्माण करवाया। * हस्तिनापुर निसहीजी में, अम्बाला जैन मन्दिर में, कांगड़ा तीर्थ मन्दिरजी में, पालीताणा पंजाबी धर्मशाला में तीर्थों के सुन्दर चित्रपट्ट बनवाए। इस प्रकार जिस संघ और समाज में जो न्यूनता लगती थी उसे साध्वीजी म. ने प्रेरणा देकर पूर्ण करने का प्रयास किया और कर रही हैं। . संघ और समाज के कार्यों के साथ-साथ इनका तपोमय जीवन भी अनुमोदनीय है। इन्होंने अपने संयममय जीवन की विशुद्ध साधना के साथ-साथ कर्म निर्जरा का मुख्य साधन तपधर्म को भी जीवन का अंग बनाया। इन्होंने अट्ठाई, वर्षीतप, 500 आयम्बिल तप, वीसस्थानक तप, नवपद ओलियों की आराधना, वर्धमान तप की अनेक ओलियाँ तथा पर्व तिथियों की आराधना की है। इस प्रकार साध्वीजी महाराजजी की पावन प्रेरणा एवं अनुपम आशीर्वाद से प्रभु-भक्ति व प्रभु-समर्पण के अनेकानेक कार्य सम्पन्न होते रहे हैं। भक्ति की पराकाष्ठा से ही उत्कृष्ट शक्ति मिलती है जो शासन प्रभावना करने में सहायक बनती है। साध्वीजी