Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

View full book text
Previous | Next

Page 15
________________ www.kobatirth.org Acharya Shri Kallassagarsur Gyanmandir Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra ॥ तंदुल॥ वयाली १जाग ॥५॥ | रफहदिरन्नुया नुयगीसरविउलनोग शायाणफलिह नत्थूढदीवात जगसंनिन्नपीण रइशपावरपउदृसंठिय स्ववियथिरसुवह सुसिलिठपुत्रसंधी रततलोवविद्यम उयमसलररकणपसत्य शत्यिद्दजालपाणी पीवरवडीयस जायकोमल वरंगुलीशातंयलनिलिण सुइरुइ रनिछनको चंदपाणिलहारपाणिलेहा संगपाणिलेहा चक्रपाणिलेहा सत्यिगणिलेहा ससिरविसंखचक्का सन्निदपाणिलेहा वरमहिसवराहसीहसदूल उसननागवरविउलयमउदकंधा व उरंगुलसुयेमोगकं बुबरसरिअसगीवा शवष्ठियमुविसन्तममू मंसलमंठियपसत्य सदूलविउलहाणुशा नुविय सिलप्पवा लबिंबफल संनिन्नाधरुचा पंफुरससिसगलबिमल निम्मलसपागोखीर कुंददगरयमुगालिया घबलदत्त ली शखंझदंत ऊयवहनिहंतधोयनतवणिकर उप्तलतालुजीहा सारसनयघणियमऊरगंनीरकुंवनिग्यो सदुंदुहिस र। गरुलाययउजतंगनासाभव दारिशरीयवयणा कोकासिघधवलरियपतलत्या शनामिशवावरुईलकि कचिऊरराइसुसंठिय असंगयशाययसूजायनुमया शतीगपमाणजनसवणा सुसवणापीणमंसलदेसभोगा शुरुइ गायसमग्ग सुनिहर्चदछसंठिशनिकाला उमुवइपमिपुत्नसोमवयणा बन्लागारुत्तमंगदेसा घणनिवियसुबछलरकणु लपकुागारंनिरयमपिंक्रियग्गसिरा ऊपबजनितधोयतन्ततवणिक केसंतकेसजूमीसामल बांधणनिविशात्या किशमिउविसयसुजम उरकणपसत्यसुगंधिसुंदरनुयमोयगनिंगवील कजलपहठनमरंगणनिउ रबनिवियकुंचीच For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 ... 154