Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 115
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मरण पइदा १० जाग फिसेघणांकाया पायहिंकायोजेहियजिहिच जोजोगउपरिणामउञ्चदंसण चरिताईयासे बहाणग्यंतरोवा बि ८तंउजनावपरिणउ रागंदोसचपयणुएऊणं तिविहेणउछरिजा गुरुपांमलेशगहितो९ नवतंसत्यंबविसंच दुप्प उतुबकुणइवेयालो जंतंघटुप्प उन्नं सप्युवएमाइउकुछो १० जंकुणनोवसल्लं शणुहियं उत्तमठकालंमि दुलहबीहीयत्तं छणंतसंसारियंत्तंच" तोउतिगारव रहियामूलपुणवलयाणं मिछादसणसल्लं मायासलंशयाणच१२ रागणव दोसेणब नएणहासेणनहएमाएण रागेपणायकेणव चन्नीइयरानिउगेण१३ गिहिबिजायपकिरण वसयरकपरधम्मि उबसग्गेण तिरियाजोणिगएण वद्दिवमणसोवसग्गेण १४उवहीयइवनियहीयइ वतहसावपयतिएणवपरेणं शप्या णनएण कयंपरस्सबंदाणुवतीए १५ सहसकारमणानोग उछपवणाहिगारेण सलिकरणेविसोही पुणागारोययल त्रा १६ उक्तशमालोइतो करणपरिणामजोगपरिसुझो सोषयणुपडक्कम सुग्गडमग्गंशनिमुहेइ १७ उबहीनिय झियइठो साहिजोकुणइसोगइकामो माहपल्लिकुंवंतो करेइवंदंत्यियंमूढो १८ थालीयणाइदेसे दसदोगाइबंधणे परिहंतो तम्हाशालाइजो मायंमुतणनिसोयं १९ जेमेजाणंतिजाणा शवराहाजेसुठाणेसु तेहीशलोयमी उवठि उसबनावेण २० एवंउवाहियस्मकि सालोपउंविसुछनावस्स जंकिंचिबिविस्सरियं सहसक्कारेणचावुकं २१ था सहउत्तहविसो गारक्परिकुंवणामयनिकगो जियोसियस्सधीरो सद्दहगीमुशिमग्गस्स २२ शासेयांशणुमाणा राय धंनपतिसिंह बहादुर का आगम संग्रह भाग १०। । । For Private and Personal Use Only

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