Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 118
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संमिचरित्ते करणमिमाएमाएंह ५३ जावयसईनतास जात्रयजोगानतेपयपत्तेग सद्दावजावनहाय इदियजो गाशपरिहीणा ५४ जावयममुकं शायरियाजावशत्यिनिजयगा इठीगारवरहिया नाणचरणदसणमिरया ५५ ताखमकाउंजे सरीरनिरकंघर्षविउपसत्यं समयपहागाहरणं सुविहियडठनियमहत्तं ५६ हंदिछणछासहाज यजीगायइंदियाइंच तम्हाण्यंनाउं विहरहतवसंजमुजता ५७ तातेएयंनाऊणं उवायनाणदंसणचरित्र धीरपुरीसा चिन्न करितिसोहिंसुयसमिझी ५८ शन्यत्ररबाहिरियं शहत्तेकाऊगशपणो सहिं तित्रिहेणतिविहकरणं तिविहे कालेथियानावा ५९ परिमाजोगेसृछा उहिविवगंचमणबिसगोय सज्जायउवस्सयवजणंच विगइविवेगंच ६० उम्गमउप्यायणए गणाविसवपरिहरणसुहिं सन्निहिसंतिवयंमि यतववेयावच्चकरणय ६१ एवंकरंतुसोहिनवसार य सलिलतहतंचवेगलसनाचा कर्मकालदपाव शतपरजोगकरणेय ६२ तातेकयासोहीया पाबित्तेफासिएजहां थाम उप्फावकिलगस्सिय तमिअत्तामहासता ६३ तोइंदियपरिकम्मं करितिबिसयसुहनिग्गहसमत्या जयणाइ शयमता रागद्दीसेययणुयंता ६१ पुछमकारियजोगा समाहिकामोत्रिमरणकालंमि नन्नवंतिपरीसह सहाविसयसु | हपमोइयाश्या ६५ इंदियसुहत्ताउल घोरपरीसहपराइयपरसो शकयघरिकम्मकीवो सुनइशराहणाकाले ६६ बाहंतिइंदियाई पुष्ठिदुनिषमिवण्ययाराई अकयपरिकम्मकीवं मरणेसुधसेपउत्तषि ६'शागममयप्पनविष इंदि For Private and Personal Use Only

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