Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 139
________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मरणा पइन्त्र १० नाग ॥६७ ॥ रहणएणसुकुमालं विग्यारियंसरीर शणुचिंतिजातमुबाहं ७८ गुवरयाउवगनसुबुछि णाणिग्धिणेणवाणकदवो नयसवलिउसा धिइचिंतणिजान ७८ जहसोविसप्परासीवा सहुनिसिहचता वसीपुलेहिंविनिगा एहिंशा गसमुरिकतो ७९ जहसाबन्तीसघावो सठवत्तादेहगोधीरा वापणउदावएण विगलंमिउलहया ८० जतेणकरक णणव सत्येहिंवसावरहिंविविहेहिं दहविद्दस्सतेडसिपि शकप्पणाममणो ८१ पफणीययाइकेसि चम्मसेखीलडहि निहणिन्ता मऊघयमस्कियदेहं पिपलियागंतदिकाहि ८२ जेणविरागोजयइ तंतंसहायरेणकरणि मुच्चडहससं वेगो इत्यचिलाइपुत्तदिळंता ८३ समुहणेसुयसुविहियघोरे सुपरीसत्यसमग्गोवर्णमिकोण पायहरोसंवरण विल्लगन्नि स्काचणसुरेसु ८५ तत्येवयधणमिना बेल्लगमरणंनइइतन्हाए वित्यिणेसुणंजनं विटयविस्सारणंकासि ८६ मुणि वंदिणविदिणस्स रायगिहपरीसहोमहाघोरी जत्तोहरिवंसबित नणस्सबुत्यंजिणिंदस्स ८७ रायगिहनिग्गयाखलु पछि पहिवलगामुणीचउरो साववियूकामेणं पहारेपहरेगयासिहिं ८८ उसिणतगररहनगचं पावसएसुसमणन्न हरिसी खमसमणशकारकिया उशशंचेलउकोणी ९९ शरईयजायमूय करोकनवोदुलहाबाहीउ कोसंबी एक हिन इथिएथूलनद्दरिसी ९० कुल्लइरमियदत्तो वरियाइसहेसमरकान सिठिसुयतिमुत्यणत्यणं शंगुलदीवोयवासं |मि ९३ गयपुरकुरवतमु उनिसी हियायफविदेसपफिमाए गोविकुविएणदहोगइ सुकुमालोजहानगवं ९२ तोश र धनपतिसिंह बहादुर का नागम संग्रह भाग १ । For Private and Personal Use Only

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