Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press
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भरत
१० भाग
| यसपाणिविणता दोविशणुतावासी महेमिणारिझिसंपणा७ शत्येरयंचलोएता णुतिहिंदेवयाणुनावण'थ विश्चठिनिवेसं पंक्तिवसनामगाहत्यी ४८.जइतेसमंसचमो दुवालविलग्गेविणोयंचलिया तंतवोकिलंतंवी सामेऊ पत्रिणयाग : उबलठपुणपावा फ्रायसुमहंकरेसीह ५० सुगहियसावगधम्मा जिणमहिमाणेसुजिणयसोहया जसहरमुणिणोपासे निकंतातिसंवेगा ५१ सुगिहियजिणवयणा मयपरिपुठासीलसुरहिगंधठा विहरियगुरुस गासे जिणवरवसुपुच्छतित्यंमि ५२: कणगावलिमुन्नावलि रयणावलिसीहकीलियकलंता काहीयससंवेगा छायंबि लवहमाणंच ५३ शासरियायमणीहर सिहरंत्तरवरपुरकरइयं शाडकरचणपंकयसिर सेवियमालहिमवंतं ५४ रमणिहरयतरुवर परऊशसिन्नमरमऊयरविलोलो शयरगिरिविसयमणं हरजिणवयणसुकाणणुहेस ५५ तमि |सिलायलपहवी पचविदेहठिईसुणियत्या कालगयाउववणा पंचविशपराजियविमाणे ५६ ताऊचहऊण इहं जारह वासश्चमसरिन पंफुनराहिवतणया जायोजयलबिनतारो ५८ तेकहमरणदूसह दुस्कममुष्पन्नतिठसवेगा सुहिय घेरसगोसे निरकंताकायकित्तीय ५९ जिठोचउदसपुछी चउरोइकारसंगवीशासी विहरियगुरुसगासे जसपफ्रिह नरंतजियलोए ६० तेविहरिऊणबिहिणा. नवरिमुरठंकमेणसंपन्ला सोउंजिणनिहाणं नन्तपरिलंकरेसीय ६१ घी सजिगाहवारीलीमो ऊंतगागहियनिखान, सतुजसीलसिहरे पाउबगयनगनावीघो ६२ पुछविराहियवंतर उय
रायधनपतिसिंह बाहदुर का भागम संग्रा भाग १०
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