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५०० राय धनपतिसिंह बहा ५०० जैनबुक मुसाइटी से
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श्री गणधर सुधनां स्वामि सङ्कलितमूल सूत्र
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श्रीयुत राय धनपतिसिंह बहादुर का जैनागमसङ्ग्रह आग
तंदुलबयाली २४ देविंद्दस्तव २५ गणिबीज २६ चठसरण २१ संधार श्राचरपश्चरकाण २ भत्तपरीचान ३० चन्द्र बिक ३१ माहापञ्चरका ३२ मरयविभत्ति ३३
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॥ इति दशपयन्ना मूल सूत्र समाप्तः॥
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दफे १००० पुस्तकें दाम फी पस्तक ५) और
जेनी भाइयों के लिये २॥ )
पहिली
नागोरी लौकागच्छीय वाचनाचार्य रामचंद्रजीगणो ऋनानकचंदजीकी प्राधानुसार heroper arotopoppo
[ प्रतापनी अर्ग्यमहतरा करके संसोधितटोके मुद्रीतहवा ] बनारस जैन प्रभाकर प्रेस ] संवत् १६४२ । सन् १८८६ ईसबो । ( ) ( C ) Com 993959939897382998992389939899398939
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