Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 130
________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kallassagarsuri Gyanmandir रांजालपागमसरीरों किस्थाहियपरिहत्यो परिहरइकलेवरंजाहे १० पच्चस्काइयनाहे शतसमाहियत्तियंमिति तिविहेणाहारविहिं दियमुग्गइकायपगईए ११ इहलोएपरलोए निरासउजीविएशमरणेय सायाणुलावेनोगो ज स्सयशवदुणाइए १२ निम्ममनिरहंकोरो निरसेयायाकिंचणोशपझिकमो वोसहविसठंगो चनवियत्तणदेहेण ४३ हेणविसहमाणी परिसहेदूसहेशउसग्गे बिहरिछवीसयराहा रयमलमसुन्नविणमाणो ४१ नेहरकइन्चदीवोजहखमु वणेइदीववहिमि खीणाहारसिणो होसरीरवाहितहखवेइ १५ एवपरजाशसईय रकमोपुन्छन्नणियमरीण पासंमि उत्तमठे कुजातोएसपरिकम्म १६ शागरसमुठियंतह थप्नुसिरबागतणपत्रकाएय कठमिलाफलगंसिव शणनि जियनिप्पकप्पंमि १७ निस्सघिणोतणमिवसह पमिलेहेणजइपसस्येणं संथारो० कायहो उत्तरपुस्सिरोवावि । ८ दोमुत्यशप्पमाणे शंधकारसममिणिसह निरुबहयमिगुणमणे वर्णमिगुत्त यसंथारो ५९ उत्तपमाणरइन उत्न उकालपफिलहणासुझो विहिविहिउवसथारो रुहियबोतिगुनेणं ५० शारुहियचरितनरो अनसुउपरमगुरुस गासंमि दसुपजावेसुय खित्तेकाले यसछमि ५१ एइसुवेवठाणेसु चउसुसहोचउविनाहारो तवसंजममुतिकिवावी सिरियहोतिगुत्तेणं ५२ शहवासमाहिहेउं कायछोपाणगस्सशाहारो तोपाणमंमिपबाबो सिरियजहाकाले ५३ निसिरित्ताश्प्याणसवगुण समत्तियंमिनिहावए संथारगसनिविष्ठो शनियोणोचेवविहरिजा ५४ इहलोएपरलो For Private and Personal Use Only

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