Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 134
________________ Shri Mahawan Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailasagarsur Gyanmandir यरमा संसारमिछणते माईपचणमणाणं १०० नयणोदगपितासि सागरसलिलाउबाउंयरंका गलियंसयमा णीण माईणशणमणाणं १ निस्यिनयमरणसमं जमणसरिसंनिविडाएदुखं तम्हाजरमरण करंखिदममत्तंसरीराज २ शवहमसरीरं वस्योजीतिनिबियमईन दुस्कपरिकेसकर बिदममत्तंसरी ३ जावइयंकिंचिदुहं सरीरमाण संवसंसारे पत्तंशणतखुतो कायस्सममन्तदोसणं १ तम्हासरीरमाई शनिंत्तरबाहिरंनिरविसेसं बिदममतंसुधि हियजई इबसिमुच्चिउदहाणं ५ सछेउबसगापरीसहेय तिविहेणनिजिणाइ हिलजएमुनिदिए मुहोहिसिशाराहउ मरणे ६ माजयसरीरसताविउ शतकाहिशहरुद्दाइं छुविरूवियलिंगो वियहरुद्दाणिन्ति ७ मिस्तसुयबंधवाई इछागिठेसइदियाबेसु रागोवादोसोबाई सिमणेणंनकायहो ८ ऐगायंकेसुपुणो विउलासुयवेयणामुइन्लासु सम्म शहियासतोइ णमोहियएणवितिजा ९ बजपलियसागराइं सढाणिमेनरयतिरियजाईस किंपुणसुहासाणंइ णमो सारंनरदहति १० सोलसरोगायकासहिया जहविक्तिणाचउत्येणं बाससहस्सासप्तउसा गणधरंचच उगएण ११ तहउ समष्ठकाले देहेमिरवलयं उत्रयाएणं तिलच्छितलावगाइ वशायंकाविसहियान १२ पारियायगनतो रायोप ठोडसेहिणीमूढो छवुगहंपरमवदा सीपसुकोवियमणुस्सा १३ सायसलिलुल्छलोहिय मंसवसापेसिधिग्गलंधित उ पाइयापट्टीस पाइजहरुकवचम् १५ वणयनिछियणंगंतूणं तुसुविहियसगासे शाहियचरित्तन्नरो सीहोरमियं For Private and Personal Use Only

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